शुभमन गिल की टक्कर के बाद जायसवाल का अनोखा अंदाज़ वायरल!

Yashswi Jaiswal: भारत बनाम वेस्टइंडीज दूसरे टेस्ट के पहले दिन अरुण जेटली स्टेडियम में खेल के आख़िरी घंटे में एक ऐसा पल आया जिसने पूरे मैदान का माहौल हल्का कर दिया। शुबमन गिल तेज़ सिंगल लेते हुए वेस्टइंडीज विकेटकीपर टेविन इम्लाच से टकरा गए, टक्कर इतनी अजीब थी कि दोनों खिलाड़ी कुछ पल के लिए असहज दिखे और मेडिकल स्टाफ तुरंत मैदान में पहुंचा। इस तनाव भरे मौके को यशस्वी जायसवाल ने अपने ह्यूमर से यादगार बना दिया, जिससे दर्शक भी मुस्कुरा उठे।

जायसवाल का ‘कंकशन टेस्ट’ अंदाज
प्रोफेशनल फिजियो के आते-आते यशस्वी जायसवाल ने गिल के सामने अपनी उंगलियां दिखाकर मज़ाकिया अंदाज़ में पूछा—कितनी हैं? यह वही बेसिक चेक है जो कंकशन प्रोटोकॉल में किया जाता है, हालांकि जायसवाल का यह कदम पूरी तरह हल्के-फुल्के अंदाज़ में था। गिल ने मुस्कुराकर प्रतिक्रिया दी और डग-आउट में भी खिलाड़ियों के चेहरे खिल उठे। क्रिकेट के गंभीर माहौल में ऐसे छोटे पल टीम बॉन्डिंग और आत्मविश्वास बढ़ाने में खास भूमिका निभाते हैं।

गिल फिट, भारत का स्कोर मजबूत
टक्कर के बावजूद शुभमन गिल को कोई गंभीर समस्या नहीं हुई और उन्होंने पारी जारी रखी। दिन का खेल खत्म होने तक गिल 20 रन पर नाबाद लौटे, जबकि दूसरे छोर पर यशस्वी जायसवाल ने धैर्य, शॉट सिलेक्शन और टेम्परामेंट का शानदार नमूना पेश करते हुए 173* रन बनाए। भारत ने 90 ओवर में 318/2 का सॉलिड स्कोर खड़ा किया, जो दूसरे दिन बड़े टोटल की नींव बन सकता है।

जायसवाल का क्लास, सातवां टेस्ट शतक
यशस्वी जायसवाल ने एक बार फिर साबित किया कि लंबा फॉर्मेट उनके नैचुरल गेम के बिल्कुल अनुरूप है। ऑफ-साइड पर खुलकर ड्राइव्स, स्पिन के खिलाफ पैरों का बेहतरीन इस्तेमाल और स्ट्राइक रोटेशन उनके खेल की पहचान रहे। यह उनके टेस्ट करियर का सातवां शतक रहा और नाबाद 173 के साथ उन्होंने विपक्षी आक्रमण की धार कुंद कर दी। ऐसे इनिंग्स न सिर्फ मैच की दिशा तय करते हैं बल्कि ड्रेसिंग रूम में भरोसा भी जगाते हैं।

टॉप ऑर्डर का योगदान, साझेदारियाँ कारगर
भारत ने शुरुआती सफलता के बाद टॉप ऑर्डर से निरंतर योगदान पाया। केएल राहुल ने 38 रन की उपयोगी पारी खेली, वहीं बी साई सुदर्शन ने दबाव झेलते हुए करियर-बेस्ट 87 रन बनाए। तीसरे विकेट के लिए जायसवाल और गिल के बीच 67 रन की साझेदारी ने दिन का स्टैंसिल तय किया—कंट्रोल्ड एग्रेसन और स्कोरबोर्ड को सतत गतिमान रखना। यह अप्रोच घरेलू परिस्थितियों में विपक्ष को थकाने के लिए कारगर रहती है।

कप्तानी में गिल की परख
शुभमन गिल बतौर कप्तान फील्ड पर शांत और प्रक्रिया-उन्मुख दिखे। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला उनकी पिच रीडिंग और टीम की बैटिंग डेप्थ पर भरोसा दर्शाता है। टक्कर जैसी अनहोनी के बाद भी उनका फोकस कायम रहा, जो नेतृत्व के लिए अहम संकेत है। लंबे टूर्नामेंट में ऐसे माइक्रो-मोमेंट्स कप्तान की मानसिक मजबूती और टीम की संस्कृति को परिभाषित करते हैं।

वेस्टइंडीज की योजना और चुनौतियाँ
वेस्टइंडीज ने बीच-बीच में लैंग्थ और एंगल बदलते हुए कंट्रोल हासिल करने की कोशिश की, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों का डिफेंसिव मेथड और मौके पर बाउंड्री निकालने का संयोजन भारी पड़ा। इम्लाच के साथ हुई टक्कर उनके लिए भी अचानक आई, पर इसके बाद उनकी बॉडी लैंग्वेज संयत रही। दूसरे दिन उनका पहला लक्ष्य नई गेंद का पूर्ण उपयोग और भारत को 400 से नीचे रोकना होगा।

Day 2 का रोडमैप: भारत क्या करेगा
भारत की कोशिश सुबह के सत्र में बिना जल्दबाज़ी के 30-40 ओवर थकाऊ क्रिकेट खेलकर स्कोर को 450+ की ओर ले जाने की होगी। जायसवाल 200 के माइलस्टोन से दूर नहीं, गिल सेट होने के बाद बड़ी पारी खेल सकते हैं। मिडिल ऑर्डर में एक-आध त्वरित साझेदारी मैच को एकतरफा मोड़ दे सकती है। पिच के मिज़ाज को देखते हुए तीसरे सत्र में स्पिनरों को सहायता मिलनी शुरू हो सकती है।

खेल भावना और टीम स्पिरिट की मिसाल
जायसवाल का ‘मॉक टेस्ट’ पल सिर्फ मनोरंजन नहीं था, यह टीम स्पिरिट का प्रतीक भी था। ऐसे ह्यूमन टच वाले क्षण ड्रेसिंग रूम को हल्का रखते हैं और दबाव में बेहतर प्रदर्शन का ईंधन बनते हैं। भारत के 318/2 के साथ स्टंप्स का स्कोर और सेट बैटर्स की मौजूदगी दर्शाती है कि मेज़बान टीम ने मैच की कमान अपने हाथ में थाम ली है—और कहानी का अगला अध्याय दूसरे दिन सुबह लिखा जाएगा।

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