controversial cricket decisions: क्रिकेट को अक्सर जेंटलमैन गेम कहा जाता है, लेकिन कुछ फैसलों और घटनाओं ने खेल की साख, नियमों और खेलभावना की सीमाओं को कठोर रूप से परखा है। ये वही पल हैं जिन्होंने मैचों का रूख बदला, नियमों में संशोधन कराए और दशकों बाद भी बहस को जिंदा रखा।
1) अंडरआर्म घटना, 1981: जीत हर कीमत पर
ऑस्ट्रेलिया बनाम न्यूजीलैंड ODI में आखिरी गेंद पर छक्के की जरूरत थी, तब कप्तान ग्रेग चैपल ने ट्रेवर चैपल से अंडरआर्म गेंद फेंकवाई। यह उस समय नियमों के भीतर था, मगर खेलभावना के खिलाफ जाकर बल्लेबाज को बराबरी का मौका छीन लिया।
2) सैंडपेपरगेट, 2018: व्यवस्थित चीटिंग का झटका
दक्षिण अफ्रीका दौरे पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ियों को गेंद से छेड़छाड़ करते कैमरे ने पकड़ लिया। कैमरन बैनक्रॉफ्ट, स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर पर कठोर बैन लगे और टीम की “जीत किसी भी कीमत पर” संस्कृति पर कड़ा सवाल उठा।
3) बॉडीलाइन सीरीज़, 1932-33: रणनीति से कूटनीति तक
ब्रैडमैन को रोकने के लिए इंग्लैंड ने तेज़ गेंदबाजी को शरीर पर निशाना बनाने वाली बॉडीलाइन रणनीति अपनाई। चोटें, विरोध और कूटनीतिक तनाव के बीच अंततः नियम बदले गए ताकि लेग साइड फील्डिंग की सीमा तय हो।
4) ओवल टेस्ट फॉरफिट, 2006: अम्पायरिंग का अभूतपूर्व फैसला
इंग्लैंड बनाम पाकिस्तान टेस्ट में बॉल टेम्परिंग पेनल्टी के विरोध में पाकिस्तान मैदान पर नहीं लौटा और मैच फॉरफिट कर दिया गया। 129 साल के टेस्ट इतिहास में पहली बार ऐसा नज़ारा देखने को मिला और भरोसे की बुनियाद हिल गई।
5) मंकीगेट, 2008 सिडनी: नस्लभेदी विवाद की आँच
एंड्रयू साइमंड्स द्वारा हरभजन सिंह पर नस्लभेदी टिप्पणी का आरोप लगा, प्रतिबंध और अपील के बाद फैसला पलटा। खराब अम्पायरिंग ने आग में घी डाला और सीरीज़ तक रद्द करने की नौबत पैदा हो गई।
6) 2019 वर्ल्ड कप फाइनल: ओवरथ्रो नियम पर हड़कंप
इंग्लैंड बनाम न्यूजीलैंड फाइनल में बेन स्टोक्स के बल्ले से टकराकर थ्रो बाउंड्री गया और छह रन दिए गए। बाद में नियमों की बारीकी पर बहस छिड़ी कि रन क्रॉस की स्थिति क्या थी—नतीजा, इतिहास का सबसे नज़दीकी खिताब विवादों में घिर गया।
7) एशिया कप 2025 फाइनल: ट्रॉफी सेरेमनी का सियासी साया
भारत–पाकिस्तान फाइनल के बाद पोस्ट-मैच प्रस्तुति में राजनीतिक तनातनी के चलते ट्रॉफी सेरेमनी असामान्य रूप से विवादित रही। जीत के जश्न पर भी प्रोटोकॉल और बयानों का असर दिखा और खेल-राजनीति की दखल पर बड़ी बहस छिड़ी।
8) एंजेलो मैथ्यूज़ ‘टाइम्ड आउट’, 2023: नियम बनाम खेलभावना
हेलमेट स्ट्रैप टूटने के बाद देरी पर बांग्लादेश की अपील मानते हुए मैथ्यूज़ टाइम्ड आउट दिए गए—अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहला मामला। क़ानूनी रूप से सही, मगर खेलभावना की कसौटी पर इसने तीखी प्रतिक्रियाएं जन्म दीं।
9) एलन डोनाल्ड रन-आउट, 1999: घबराहट की कीमत
विश्व कप सेमीफाइनल में दक्षिण अफ्रीका को एक रन चाहिए था, लेकिन गलतफ़हमी में डोनाल्ड रन-आउट हुए और ऑस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंचा। यह फैसला नहीं, पर क्षण ऐसा था जिसने “चोकर” टैग को सालों तक पुख्ता किया।
10) 2008 सिडनी टेस्ट: गलत फैसलों की कड़ी
सौरव गांगुली का विवादित आउट, एंड्रयू साइमंड्स को जीवनदान और कई प्रमुख गलतियां—एक टेस्ट मैच में अम्पायरिंग की श्रृंखलाबद्ध चूकों ने दर्शकों, खिलाड़ियों और बोर्डों का धैर्य तोड़ा और आगे के मैचों में बदलाव लाए।
निष्कर्ष: फैसले जो खेल का चेहरा बदल गए
इन विवादों ने दिखाया कि क्रिकेट सिर्फ बल्ला-गेंद नहीं, बल्कि नियम, नैतिकता और मानव निर्णयों का जटिल संगम है। कुछ ने नियमों में सुधार कराए, कुछ ने संस्कृति को चुनौती दी, और कुछ आज भी बहसों में जिंदा हैं—यही इसकी रोचक, पर कभी-कभी कठोर सच्चाई है।