एशिया कप 2025 के दौरान अभिषेक शर्मा ने अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से सभी का दिल जीत लिया। सात पारियों में उन्होंने 314 रन बनाए और टूर्नामेंट के “प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट” का खिताब जीता। उन्होंने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय टीम तक पहुंचने के लिए धीमी और सुनिश्चित राह चुनी, जिससे उन्हें अपनी कमजोरी और ताकत को समझने का मौका मिला।
संघर्षों और सीख की कहानी
अभिषेक ने बताया कि उनके कई सह-खिलाड़ियों जैसे शुभमन गिल और पृथ्वी शॉ की तुलना में उनका सफर थोड़ा लंबा और कठिन रहा। कोरोना महामारी के बाद 2021 में उन्होंने अपनी बल्लेबाजी में बदलाव किए। युवराज सिंह के मार्गदर्शन में वे मिडिल ऑर्डर से ओपनर बने और अधिक आक्रामक बल्लेबाजी करने लगे।
उन्होंने कहा, “अगर मैंने जल्दी राष्ट्रीय टीम में जगह बनाई होती, तो शायद मैं कुछ जरूरी चीजें नहीं सीख पाता। इसलिए यह सफर मेरे लिए जरूरी था।”
फाइनल में दबाव के बीच सफलता
फाइनल मुकाबले में पाकिस्तान के खिलाफ अभिषेक जल्दी आउट हो गए थे, लेकिन उनकी टूर्नामेंट में निरंतरता ने टीम को मजबूत बनाया। साथ ही उनकी ताकतवर पावरप्ले बल्लेबाजी ने भारत को हर मैच में अच्छा शुरूआती हालात दिए। उन्होंने पाकिस्तान के तेज गेंदबाज शाहीन शाह अफरीदी को कई बार छक्के मारे जिससे प्रदर्शन को खूब सराहा गया।
टीम के समर्थन और भविष्य के सपने
अभिषेक ने कप्तान सूर्यकुमार यादव और पूर्व कप्तान गौतम गंभीर का आभार जताया, जिन्होंने उन्हें आत्मविश्वास और सही मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि टीम ने आक्रामक क्रिकेट खेलने की योजना बनायी है और वे इसी रवैये को आगे भी जारी रखेंगे।